वेतन और पेंशन की राशि में देरी होने पर हाय-तौबा मचाने वाले राज्य के विश्वविद्यालयों और अंगीभूत महाविद्यालयों में 173 करोड़ 45 लाख रुपये की निर्माण योजना अटकी है। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने एक माह के अंदर निर्माण कार्यों को पूरा कराने और उपयोगिता प्रमाण उपलब्ध कराने का आदेश संबंधित कुलपतियों और प्राचार्यों को दिया है। शिक्षा विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को समीक्षा बैठक में कुलपतियों और संबंधित प्राचार्यों को आदेश दिया गया कि तय समय में निर्माण कार्यों को पूरा कराना सुनिश्चित करें।
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार की अध्यक्षता में आयोजित कुलपतियों की बैठक में उन 31 कालेजों के प्राचार्यों को भी बुलाया गया था जिन्होंने निर्माण कार्य कराने में लेटलतीफी दिखाई है और राशि खर्च का हिसाब नहीं दिया है। राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रुसा) के तहत पटना विश्वविद्यालय,
मगध विश्वविद्यालय (बोधगया), बीआरए बिहार विश्वविद्यालय (मुजफ्फरपुर), तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (दरभंगा) और कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय को 20-20 करोड़ रुपये उपलब्ध कराया गया था, जिससे नए भवनों का निर्माण, पुराने भवनों को जीर्णोद्धार और जरूरी उपकरण-सामान आदि क्रय करने थे, लेकिन सिर्फ ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय ने 20 करोड़ खर्च कर विकास कार्यों को पूरा कराया, जबकि शेष पांच विश्वविद्यालयों में निर्माणाधीन योजनाएं लटकी हैं।
पटना ट्रेनिंग कालेज, कालेज आफ कामर्स आर्ट्स एंड साइंस एवं टीपीएस कालेज, श्री अरविंद महिला कालेज, पटना, भागलपुर के टीएनबी कालेज, मारवाड़ी कालेज, छपरा के राजेन्द्र कालेज, जेपी महिला कालेज एवं जगदम्ब कालेज, मुजफ्फरपुर के आरडीएस कालेज, महिला शिल्प कला भवन कालेज, एमडीडीएम कालेज, भोजपुर के जगजीवन कालेज, एचडी जैन कालेज, पूर्वी चंपारण के मुंशी सिंह कालेज, पूर्णिया के जीएलएम कालेज, बमनमखी, पूर्णिया कालेज, न्यू माडल डिग्री कालेज, बक्सर के डीके कालेज, डुमरांव, रोहतास के शेरशाह कालेज, एसपी जैन कालेज, सासाराम, मोतिहारी के एसएनएस कालेज, एमएलएसएम कालेज, दरभंगा, सबौर कालेज, सबौर, जगजीवन महाविद्यालय, गया, सत्येन्द्र नारायण सिन्हा कालेज, टेकारी, नालंदा कालेज, गया, एसएस कालेज, जहानाबाद, सच्चिदानंद सिन्हा कालेज,औरंगाबाद,
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