अब सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर, क्लासरूम, कंप्यूटर आदि के नाम पर कोई कॉलेज नैक की मान्यता नहीं पा सकेंगे। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को ले नैक की मान्यता से ग्रेड सिस्टम को समाप्त कर दिया गया है।
विश्वविद्यालय समेत इसके अंतर्गत आने वाले अंगीभूत और संबद्ध कॉलेज जो अब तक नैक से नहीं जुड़े हैं, उन्हें अब इस नये नियम के तहत नैक की मान्यता लेनी होगी। नैक मान्यता देने के नियमों में दो तरह का बदलाव किया गया है। अब कॉलेजों को सिर्फ मान्यता है या नहीं का दर्जा लिखा हुआ मिलेगा। नये नियम के तहत अब तीन साल के लिए नैक टीम जांच के बाद कॉलेजों को सिर्फ मान्यता है या नहीं लिखकर देगी। वहीं, नैक के लेवल का दर्जा पाने के लिए अलग-अलग मानक तैयार किया गया है। इसमें ग्रामीण स्तर के कॉलेजों को भी फायदा होगा। मालूम हो कि वर्ष 2016 और 2017 में नौ कॉलेज नैक से जुड़े थे। इसके बाद चालू वर्ष में दो कॉलेज नैक से जुड़े हैं। वहीं सात अंगीभूत कॉलेज अब तक नहीं जुड़ पाये, जो कॉलेज बीते वर्षों में नैक से जुड़े उनका कार्यकाल भी पूरा हो चुका है। ऐसे कॉलेजों को दूसरे चरण में नैक से जुड़ना है। नैक की तैयारी के मामले में कुछ कॉलेजों की स्थिति बहुत ही खराब है। वही विश्वविद्यालय भी नैक से नहीं जुड़ा है।
नये नियम से कैसे मिलेगा कॉलेजों को लाभः
इस नियम के आने से कॉलेज मान्यता प्राप्त होने की जुगत में लग जायेंगे। जो भी कमियां हैं, उन्हें दूर करके जल्द से जल्द मान्यता लेने की कोशिश करेंगे। बता दें कि मूल्यांकन दो स्तर पर होगा। इसमें पहले स्तर पर बताया जायेगा कि संस्थान मान्यता प्राप्त है या नहीं। वहीं दूसरे में कॉलेज अथवा विवि को एक से लेकर पांच तक के स्तर पर आंका जायेगा। इससे संस्थान बेहतर करने की कोशिश करेंगे। जिस संस्थान का प्रदर्शन जिस क्षेत्र में जितना अच्छा होगा, उस अनुसार लेवल एक से पांच के बेसिस पर रेटिंग दी जायेगी। इससे छात्र और अभिभावकों भी यह जान पायेंगे कि संस्थान कैसा है।
मूल्यांकन को दस मापदंड तय
नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) द्वारा शिक्षण संस्थानों के काम का मूल्यांकन करने के लिए 10 मापदंड तय किए गये हैं। इनमें रिसर्च एंड इनोवेशन आउटकम, पाठ्यक्रम, फैकेल्टी, संसाधान, टीचिंग-लर्निंग एक्सीलेंस, सह शैक्षणिक एवं इतर शैक्षणिक, समाज व सामुदायिक गतिविधियां, ग्रीन एक्टीविटीज, शैक्षणिक प्रबंधन, मूलभूत संसाधन विकास एवं वित्तीय संसाधन प्रबंधन को रखा गया है। इसी आधार पर रिपोर्ट तैयार किया जाएगा। अब पहले की तरह ग्रेडिंग भी नहीं होगी। मात्र लेवल तय किए जाएंगे। लेवल एक से लेवल पांच का स्तर दिया जाएगा। लेवल पांच वाला संस्थान सेंटर फॉर एक्सीलेंस का दर्जा प्राप्त करेगा। यह सर्वोच्च श्रेणी होगी। इससे पहले नैक से मूल्यांकित संस्थानों को ए, बी, सी और डी ग्रेड ग्रेड दिए जाते थे...!
इन कॉलेजों को दोबारा लेनी है ग्रेडिंग
एमएम महिला कॉलेज आरा, महिला कॉलेज डालमियानगर, एचडी जैन कॉलेज, महाराजा कॉलेज, एसबी कॉलेज, जगजीवन कॉलेज आरा, शेरशाह कॉलेज सासाराम, एसवीपी कॉलेज भभुआ, एसएन कॉलेज शाहमल खैरा देव पूर्व में नैक से जुड़े थे। इन कॉलेजों को में पुनः नैक से ग्रेडिंग लेनी है। वर्तमान में स्थिति यह है कि इसमें तीन चार कॉलेज नैक को लेकर आगे बढ़ गये हैं। एसएसआर भी अपलोड है। विवि सूत्रों के अनुसार महिला कॉलेज आरा, एसवीपी कॉलेज भभुआ दूसरे चक्र में आगे बढ़ते
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