एबीसी एक प्रकार का बैंक है। इसमें विद्यार्थियों का हर रिकॉर्ड हमेशा के लिए स्टोर रहेगा। इसके आधार पर अब विद्यार्थी को अंक पत्र और अन्य दस्तावेज साथ लेकर चलने की जरूरत नहीं रहेगी। एबीसी छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा में कहीं भी दूसरे संस्थान में जाने पर क्रेडिट ट्रांसफर में काफी सहायक होगा। पढ़ाई के दौरान विद्यार्थियों की ओर से प्राप्त सारे क्रेडिट एक जगह डिजि लॉकर में पूरे कागजात के साथ अपलोड रहेंगे। इसमें विद्यार्थियों का अंक पत्र भी रहेगा। विद्यार्थी जब चाहें, उसे डाउनलोड कर सकते हैं एबीसी आईडी एक ऑनलाइन डिजी लॉकर के लिंक के रूप में कार्य करती है। यहां विद्यार्थी परीक्षा परिणाम जैसे आवश्यक दस्तावेजों को सुरक्षित रूप में संग्रहित करते हैं। यह नेशनल एकेडमिक डिपाजिटरी के माध्यम से संस्थानों से एकेडमिक क्रेडिट प्राप्त करता है। यह एक वर्चुअल स्टोर हाउस है, जो हर विद्यार्थी का डाटा रिकॉर्ड रखेगा
नोडल ऑफिसर ने बताया कि विवि में यूजी और पीजी में सीबीसीएस के तहत पाठ्यक्रम है। साथ ही क्रेडिट आधारित अंक पत्र भी विद्यार्थियों को दिया जा रहा है। एबीसी खाता बनाने के लिए विद्यार्थियों को अपना नाम, पता, प्रमाण पत्र, पाठ्यक्रम विवरण जैसे अन्य कागजात व जानकारी की आवश्कता पड़ेगी। इसमें विद्यार्थियों का आईडी व पासवर्ड बनेगा...!
स्नातक (यूजी) और स्नातकोत्तर (पीजी) में नामांकित छात्र-छात्राओं का एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में अकाउंट बनने लगा है डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत विश्वविद्यालय के विभाग, अंगीभूत और संबद्ध कॉलेजों में पढ़ रहे सभी विद्यार्थियों का एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी) खाता खुल रहा है। इसमें विद्यार्थियों की पढ़ाई का पूरा रिकॉर्ड रहेगा। मालूम हो कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने सभी विद्यार्थियों के लिए इसे अनिवार्य किया है। इसके बाद बिहार सरकार ने इसे सभी विवि में लागू करने को ले कवायद तेज कर दी है। हाल ही में इसे लेकर शिक्षा की विभाग की आयोजित बैठक में इस पर कार्य करने को लेकर निर्देश मिला...!
No comments yet. Be the first to comment!