एलएनएमयू सहित बिहार के सभी यूनिवर्सिटियों में एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट बनाने की गति धीमी है। यदि नई शिक्षा नीति के तहत नामांकित यूजी एवं पीजी में नामांकित छात्रों का एकेडमिक ऑफ क्रेडिट आईडी नहीं बनेगा तो छात्रों को परीक्षा फार्म भरने के साथ ही कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। फिलहाल एलएनएमयू में अब तक एकेडमिक ऑफ बैंक में 2,93,085 छात्रों का दस्तावेज जमा हुआ है। लेकिन आईडी केवल 1,67,058 छात्रों का ही आईडी बना है। जमा दस्तावेजों में विभिन्न डिग्रियों के साथ ही अंक सूची और प्रोविजनल सर्टिफिकेट शामिल है। इन दस्तावेजों के जमा होने के बाद भी करीब 57 फीसदी छात्रों का ही क्रेडिट आईडी बन सका है। एलएनएमयू में आईडी बनाने का यह आंकड़ा बिहार के किसी भी यूनिवर्सिटी से बेहतर है। जबकि कई ऐसे भी विश्वविद्यालय है जिसमें दस्तावेज कम जमा होने के बावजूद भी एबीसी आईडी अधिक बना है। मालूम हो कि एलएनएमयू में पिछले 2 सत्रों में सीबीसीएस के तहत स्नातक में करीब 3 लाख छात्रों ने नामांकन कराया है। पहले सेमेस्टर की परीक्षा का फार्म जमा करने के समय एबीसी आईडी होना अनिवार्य था। जिसकी वजह से भी बहुत सारे छात्रों का आईडी जेनरेट किया गया है।
छात्रों एबीसी आईडी बनाने के लिए दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड करने का आदेश सभी कॉलेजों को दिया जा चुका है। बिना एबीसी आईडी के किसी भी सेमेस्टर में छात्र परीक्षा फॉर्म नहीं भर सकता है। नियम तो पहले से ही है। इन दिनों इसको लेकर काफी सख्ती की जा रही है। तेजी से आईडी जनरेट करने का काम चल रहा है। - डॉ. विनोद कुमार ओझा, परीक्षा नियंत्रक,एलएनएमयू
सीबीसीएस के सेमेस्टर सिस्टम के तहत नामांकित छात्र पढ़ाई के बीच में ही मूल संस्थान के अलावा किसी दूसरे संस्थान में पढ़ाई के लिए बीच में भी जा सकते है। इसके लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रावधान किया गया है कि एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट तैयार रहने से आसानी से छात्र अपनी पढ़ाई कर सकते है। एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों का एक ऑनलाइन वर्चुअल स्टोर हाउस होगा। जिसके आधार पर वह आगे की पढ़ाई कर सकता है। छात्रों के सभी प्रकार की उपाधि और अंक की सूची उपलब्ध रहेगी। जिससे छात्रों को कहीं भी अपनी पढ़ाई को जारी रखने का विकल्प मिलेगा। लेकिन इसके लिए छात्रों के दस्तावेजों को ऑनलाइन होना जरूरी है। क्रेडिट एक खास समय में ली गई क्लास से अर्जित किया जाता है। एक क्रेडिट हासिल करने के लिए छात्रों को एक सप्ताह में किसी खास विषय में 4 घंटियों में पढ़ाई करना अनिवार्य होता है। बिहार के विभिन्न यूनिवर्सिटी के कॉलेजों के 13.55 लाख छात्रों का दस्तावेज एकेडमिक बैंक में जमा है। इनमें डिग्रियों की संख्या 8.27 लाख है। जबकि अंक सूची की संख्या 2.81 लाख और प्रोविजनल सर्टिफिकेट की संख्या 2.46 लाख से अधिक है।
Kinkar Kumar (2024-10-15 03:19:12)
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Muskan kumari (2024-10-15 05:32:26)
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