◾उच्च शिक्षा संस्थानों में अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी) क्या है..?
सभी स्नातक और स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं को अब एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में अकाउंट बनाना होगा। यूजीसी, मिनिस्टरी ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और डिजिटल इंडिया के द्वारा संयुक्त रूप से सूचना जारी की गई है। साथ ही लिंक भी जारी किया गया है, जिसे छात्रों को भरना है। एबीसी छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा में कहीं भी दूसरे संस्थान में जाने पर क्रेडिट ट्रांसफर में काफी सहायक होगा। साथ ही छात्र मल्टी डिसिप्लीनरी कोर्स करके भी क्रेडिट प्राप्त करेंगे तो उनके प्वाइंट्स को रिजल्ट में जोड़ा जाएगा। छात्रों के द्वारा उनके कोर्स के दौरान प्राप्त सारे क्रेडिट एक जगह डिजिलॉकर में पूरे डॉक्यूमेंट्स के साथ अपलोड रहेंगे। जब कभी भी च्वॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत छात्र का किसी दूसरे उच्च शिक्षण संस्थान में नामांकन होता है तो आसानी से क्रेडिट ट्रांसफर किया जा सकता है। साथ ही नौकरी में भी जाएंगे तो डिजिलॉकर में छात्र अपनी सारी डिग्री दिखा सकते हैं, वह पूरी तरह से वैलिड है..!
छात्रों को सबसे पहले डिजिलॉकर एप या वेबसाइट पर जाकर साइन अप करना है। इसके बाद साइन इन कर अपना मोबाइल व आधार नंबर डालना है। छात्रों के मोबाइल पर एक ओटीपी जाएगा, उसे डिजिलॉकर प्रोफाइल में डालना है और सब्मिट करना है। इसके बाद सर्च डॉक्यूमेंट्स पर क्लिक करना है। फिर एजुकेशन कैटेगरी में जाना है सर्च करना है और एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट को सेलेक्ट करना है। इसके बाद अपने यूनिवर्सिटी और संस्थान का नाम सेलेक्ट करना है। फिर गेट डॉक्यूमेंट्स पर क्लिक करना है। एक क्यूआर कोड जारी किया गया है..!
एक वर्चुअल स्टोर-हाउस है, जो हर स्टूडेंट के डेटा का रिकॉर्ड रखेगा। इसके लिए कॉलेज और यूनिवर्सिटीज को एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट स्कीम में अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद वहां पढ़ने वाले हर स्टूडेंट का डेटा स्टोर होना शुरू हो जाएगा।
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